चिकित्सा नवाचार कोष
आईसीएमआर चिकित्सा नवाचार में तेजी लाने के लिए एक नई योजना शुरू कर रहा है जिसके माध्यम से नवीन और अत्यधिक रचनात्मक विचारों के परीक्षण तथा सत्यापन के लिए सहयोग दिया जाएगा, भले ही उनमें विफलता की उच्च संभावना हो। यह योजना केवल परिषद के वैज्ञानिकों के सहयोग के लिए जारी रहेगी। यदि प्रारंभिक अनुभव के आधार पर प्रयोग फायदेमंद साबित होते हैं तो एक ओर आईसीएमआर प्रयोगशालाओं और दूसरी ओर अन्य वैज्ञानिक संस्थानों या विश्वविद्यालयों के बीच संयुक्त प्रस्तावों को आमंत्रित करके योजना के दायरे को बढ़ाया जाएगा।
योजना
यह परिषद आईसीएमआर से सहायता के लिए चिकित्सा नवाचार कोष के तहत आईसीएमआर प्रयोगशालाओं से व्यक्तिगत रूप से या संयुक्त रूप से अन्य आईसीएमआर संस्थानों के साथ प्रस्ताव आमंत्रित करती है। ये प्रस्ताव अब तक असूचित, नवीन विचारों को आगे बढ़ाने के लिए हैं, जिनका दूरगामी वैज्ञानिक और चिकित्सीय प्रभाव है। यह योजना व्यक्तियों या सहयोगी वैज्ञानिकों के समूह के लिए है और अहस्तांतरणीय है। इस योजना को आईसीएमआर संस्थानों द्वारा वहां लागू किया जाना है जहां बुनियादी ढांचा पहले से मौजूद है। यह योजना संस्थागत मजबूती के लिए नहीं बल्कि संस्थागत विचारों को बढ़ावा देने के लिए है। जिस वैज्ञानिक ने इस विचार को आगे बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है, वह शोध प्रस्ताव का प्रमुख अन्वेषक होगा। एक सहयोगी उसी या किसी अन्य आईसीएमआर संस्थान से शामिल हो सकता है। प्रस्ताव के साथ संस्थानों के प्रमुख की सहमति देनी होगी।
कार्यकाल
परियोजना का कार्यकाल सामान्य रूप से दो वर्ष का होगा। हालांकि, धीमी प्रगति के मामले में इसे पहले समाप्त किया जा सकता है। दूसरी ओर होनहार लीड्स को आगे सहयोग दिया जा सकता है।
कौन आवेदन कर सकता है
आईसीएमआर के वैज्ञानिक संवर्ग/संकाय सदस्यों से कोई भी स्थायी कर्मचारी अकेले या किसी अन्य आईसीएमआर प्रयोगशाला के साथ साझेदारी में प्रस्ताव के रूप में विचार प्रस्तुत कर सकता है। इस तरह के संयुक्त प्रस्तावों को मुख्य सहयोगी आईसीएमआर प्रयोगशाला के माध्यम से अग्रेषित किया जाएगा।.
आवेदन की प्रक्रिया
अनुसंधान प्रस्ताव की दस प्रतियां निर्धारित प्रारूप में (फॉर्म ए1 और फॉर्म ए2) डीजी, आईसीएमआर के पास जमा की जानी है, आवेदन प्रपत्र प्रमुख बीएमएस, आईसीएमआर, अंसारी नगर पोस्ट बॉक्स 4911, नई दिल्ली से प्राप्त किए जा सकते हैं या आईसीएमआर वेबसाइट www.icmr.nic.in से डाउनलोड किए जा सकते हैं। आवेदन को संबंधित संस्थान के प्रमुख के माध्यम से विधिवत प्रमाणित किया जाना है कि (i) परियोजना पर काम करने के लिए मुख्य सुविधाएं उपलब्ध हैं और अन्वेषक(कों) को प्रदान की जाएंगी और (ii) संस्थान विशेष रूप से बाह्य परियोजनाओं के लिए लागू अनुदानों के प्रबंधन के संबंध में अपने सभी दायित्वों का निर्वहन करेगा।
निगरानी
स्वीकृत परियोजनाओं की छह मासिक आधार पर निगरानी की जाती है प्रगति रिपोर्ट जांचकर्ताओं द्वारा प्रत्येक वर्ष 1 मार्च और 1 सितंबर तक प्रस्तुत की जाएगी। पीआई को मध्यावधि सुधार के लिए चिकित्सा नवाचार समिति के समक्ष शोध कार्य की प्रगति प्रस्तुत करना भी आवश्यक है।
दिशा-निर्देश
निम्नलिखित क्षेत्रों में विचार आधारित वित्त पोषण:
- नवीन लक्ष्य
- नवीन निदान
- नवीन नैदानिक उपकरण
- गैर इनवेसिव माप उपकरण
- नई पृथक्करण तकनीक
- नए मूल्यांकन प्रोटोकॉल का विकास
- नवीन इन विट्रो-इन विवो विधियां
अपनाई जाने वाली प्रक्रिया
- अवधारणा प्रमाण के लिए प्रस्ताव 2-3 वर्ष की अवधि के लिए तैयार किया जाएगा
- यह 4-6 वर्षों के भीतर व्यावसायीकरण योग्य होना चाहिए
- अपेक्षाकृत कम समय में उद्योग के लिए इसकी प्रासंगिकता होनी चाहिए।
- एक बार अवधारणा सिद्ध हो जाने के बाद एक पूर्ण परियोजना किसी भी वित्तपोषक एजेंसी को प्रस्तुत की जा सकती है।
- परियोजनाएं आमतौर पर इन विचारों के परीक्षण के लिए 10,00,000/- रुपये के फंड के भीतर होती हैं।
- यदि विचार सफल होता है और अंतरराष्ट्रीय पेटेंट हो जाता है तथा संरक्षित होता है, तो 20,000/- से 1 लाख रुपये का व्यक्तिगत पुरस्कार दिया जा सकता है।
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